Monday, August 22, 2016

कोई बात बने


तुम थामो 
मेरा हाथ
कुछ दूर तो 
साथ चले
तुम छेड़ो 
कोई साज
अपनी कोई 
बात चले
देखते थे जो 
सपने अकेले में
उन सपनो को 
पूरा करो
तब तो कोई 
बात बने
देखना तुम्हारा 
यूँ मुस्कुरा कर मुझे
मेरा पलके झुकाना
आए वही लम्हात 
तब तो कोई 
बात बने
तुम्हारी महक है 
मेरी साँसों में
तुम संग 
मचलता है दिल
तुम सुनाओ 
वही गीत
फिर तो 
कोई बात बने
तुम संग हुई 
मैं पूर्ण
तुमने किया 
मुझे सम्पूर्ण
एक हो गए 
हमारे खयालात
जागे फिर जज्बात
अब है कोई 
बात बनी

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