Monday, October 12, 2015

दिसंबर आने वाला है


बहुत याद आती है 
तुम्हारी
एक बार फिर आ जाओ
दिसम्बर आने वाला है....
धूप भरे दिन
सर्द रातें
गर्मागर्म चाय
मूंगफली के दाने
जल्दी से आ जाओ
सब फिर से तुम्हे
बुलाता है
बैठेंगे देर तक रजाई में
बातें करेंगे देश दुनिया की
करेंगे सबको मिल कर
फिर से जोरदार याद
कि लौट आओ दोस्तों
दिसम्बर आने वाला है
सूरज से खेलेंगे आँख मिचौली
चंदा फिर से तड़पाएगा
कोहरा भर आएगा कमरे तक
अलाव भी क्या कर पायेगा
फिर से बुझी सिकड़ी सुलगाओ
दिसम्बर आने वाला हैं....

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