Friday, March 28, 2014

सोचती बहुत हूँ मैं

 

मेरा गुनाह ये हैं
सोचती बहुत हूँ मैं
ख़याल जहन ओ दिमाग़ से
जाता नही कभी
तन्हाइयों मे भी दिल
डरता हैं ना जाने क्यूँ..
मुझे पता हैं..सब कुछ
तय हैं पहले..से
खुदा की किताब मे...
लेकिन..उन इबारतों.. से
रहती हूँ मैं जुदा
कैसे मिले मुझे निजात
इस ख़ौफ़ से..
इसी फिराक मे तुम्हे
खोजती हूँ मैं..
आ जाओ कि लग जाओ..
गले मेरे ख़ौफ़ से..
मुझे यकीन हैं..
मेरे हो तुम मेरे..
फिर भी खुद को
रोकती बहुत हूँ मैं..

Thursday, March 27, 2014

मत कर महबूब.. उन दिनो की बात



तुम्हारा साथ..
सदियो तक याद..
मत कर महबूब..
उन दिनो की बात
सब कुछ घूम जाता हैं
नज़रो के सामने
तेरे साथ बिताए वो पल
अब तक ताजे हैं..
गुलाब के फूलों की मानिंद..
महक रहा हैं मेरा हर लम्हा
तेरी ही याद से..
तू उतर जो  गया
मेरी रूहोसाज़ मे
ता-उम्र वही लम्हा
गुनगुनाउगी...दिल के साज़ पे
यही राग गाउगी..
तुम सुनते रहना मोहब्बत से
ये नगमा..जो रचा हैं मैने
तुम्हारे लिए....सिर्फ़
तुम्हारे लिए...

Tuesday, March 25, 2014

तुम्हे फिर से खोजता हुआ..



चला गया वो दुनिया से लेकिन..
तुम्हे ना भूल पाया...
करता रहा याद हरदम तुम्हे..
लेकिन कह ना पाया.....
देखो आज तुम मत रोना
उसके लिए
वो सह नही पाएगा......
देख कर आँसू तुम्हारी आँखो मे..
वो फिर से तड़प जाएगा.......
करना याद उसे लेकिन....
मुस्कुरा कर..
अगले जनम मे शायद
वो तुम्हे फिर से खोजता हुआ..
आ जाएगा...

Monday, March 24, 2014

शुक्रिया


चलो आज कुछ शुकराने लिखे
परमात्मा के लिए...जिसने धरती पे भेजा
माता पिता के लिए..जो हमे धरती पे लाए..
भाई बहन ..जिन्होने हमारे साथ बचपन जिया..
गुरुजन..जिन्होने हमे योग्य बनाया....
मित्र्ज़न..जो दुख सुख मे साथ चले....
पत्नी..या पति..जिसने...हमे नये ज़ज्बात दिए
बच्चे...जिन्होने हमे पालन पोषण का सुख दिया..
धरती, मौसम, बादल..बरखा..पर्वत
जिन्होने आँखो मे सौंदर्य भरा...
क्या क्या लिखू...
किसको किसको दू धन्यवाद..
तुम सब से ही तो मेरा जीवन बना.