Thursday, January 30, 2014

हर जगह हूँ मैं....

खोजता हैं आज भी तू मुझे जहाँ तहाँ..
नदी किनारे...उँची मीनारो..से झाँकते हुए
मेले की भीड़ मे...या सड़क पे चलते हुए..
हाथो मे हाथ लिए..हर जगह हूँ मैं....
अपनी महक के साथ...जो अब भी वहीं हैं...तुम्हारे आस पास

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