Friday, November 23, 2012

कापती लौ, कापते हाथ और तुम्हारा साथ




  तुमने जब जलाया ही कापते हाथो से 
उसके साथ कुछ ऐसा ही होना था 
कहते हैं जैसा होता हैं बीज उसका फल भी 
बिलकुल वैसा ही होता  हैं 
प्यार से भी कापते हैं दिए 
कुछ ऐसा भी होता हैं 
जब कोई मिलता हैं जन्मो बाद 
फिर भी सब ठहरा रहता हैं  
यहीं हैं सच्चा प्यार 
यहाँ बरसो बाद भी सब नया लगता हैं 
नहीं होते शिकवे गिले आपस में 
प्यार जो व्यस्क हुआ करता हैं 
माफ कर देते हैं एक दुसरे की गलतिया 
जब आपस में मिलन हुआ करता हैं।।


जो दिल में उसको कैद किया उसका क्या।।

  

जो दिल में उसको  कैद किया उसका क्या।।
तस्वीरे तो केवल उन पलो की तस्कीद करती हैं ..

तुम्हारे असीमित प्यार को कैसे कोई समेट  सकता हैं।।
पाकर सच्चा प्यार कोई कैसे जा सकता हैं 
मत लिखो इसे पन्नो में, कोई भी पढ़ कर इसे फाड़ सकता हैं।। 

हो गए रिहा दौलत से प्यार कब तक साथ निभाएगा
प्यार हो चलाने  के लिए भी पैसा ही याद आयेगा

तुम हो लाजवाब तभी तो हमारे हो।।
वरना दुनिया में लोगो की कमी नहीं।।

तुम्हारी आँखों में खो जाने को दिल करता हैं।।
समुन्दर जैसा तुम्हारा प्यार पाने को जी करता हैं।।

बनाया उनको अपना क्या खता की।।
दे दिया अपना सब कुछ, कुछ तो वजह थी।।

अंजुरी भर प्यार की ही दरकार हैं।।
मिलेंगे तो समुन्द्र खुद बन जायेगा 

लग जाये जो कोई प्यारा तो क्या कीजे।।
दिल तो क्या जान भी ले लीजे 


Thursday, November 22, 2012

आने की खबर





तुम्हारे  आने की खबर ने 
भीतर तक हिला डाला हैं
भीतर का सारा
ख़ालीपन भर डाला हैं...
दिख रहा हैं हर तरफ 
उजाला ही उजाला 
ये तुमने क्या कर डाला हैं......
भर सा गया है 
दिल का हर कोना....................
जो अभी तक नही भरा उसे 
इस खबर ने भर डाला हैं..
पुराने अख़बार, अचार, कपड़े, पर्दे, बर्निया
सब रख दी हैं सलीके से...
सबको उनकी सही जगह 
पहुचा डाला हैं.....

तुम्हारी एक चाल ने सब खेल तमाम कर दिया..



आ गये सब लोग 

भर गया मेरा घर
हो गया उत्सव....
जब मिले हम सब..

तुम्हारी एक चाल ने सब खेल तमाम कर दिया..
चलनी थी कोई और चाल...तुमने नाकाम कर दिया...
चलाया ऐसा नैनो का तीर....घायल सरे आम कर दिया..

तुम अकेले नही हो...यादे साथ हैं...
तुम क्यूँ सोचते हो इतना..........
वो अब भी तुम्हारे साथ हैं...

मीठी यादे तो हैं ..वरना जिंदगी का स्वाद कितना कसैला होता.

इलाज़ होता हर पोर का..गर तुम साथ होते...
नही थे तुम हमारे पास हम इलाज़ करके भी क्या करते???

तुमने धारा विष कंठ मे...
तुम कितनी महान हो..
उडेल देती जो दुनिया मे..
दुनिया का क्या होता..???

वो कुछ तो कर रहे थे..
इश्क़ ही सही.........
जिंदगी का खूबसूरत तज़ुर्बा 
हासिल कर रहे थे..
एक एक अक्षर से बनता हैं शब्द
शब्दो से वाक्य बना करते हैं...
और उन्ही वाकयो को बोल बोल कर हम
इश्क़ किया करते हैं..तो शब्दो को दुख कैसा? 

देखो भैया हम सब बिगड़ गये...
दाल रोटी छोड़ कर पास्ते पे मर गये..

वो घुमा के देते हैं 
आप घूम के ले लो..
सौदा हैं प्यार का..
यू ही कर लो..

Wednesday, November 21, 2012

खुद से प्यार





हम अपने आप से करते हैं इतनी मोहब्बत
की बतला नही सकते हैं..........................
जब से लिया हैं जनम, ना जाने कितना साबुन,
तेल, मंजन, क्रीम, पाउडर अपने उपर लगा डाला हैं
कभी नही रखा हिसाब, खुद को सजा डाला हैं...
दिखने मे लगु खूबसूरत जाने कितने कपड़े सिलवाए हैं
स्वेटर से भर गई हैं हमारी वॉर्ड रोब..................
सारे कपड़े ज़मीन पे पड़े भी नज़र आए हैं....
अगर कभी किया होता किसी और को इतना प्यार तो
बेचारा वो आजीवन रहता एहसानमंद...
गाता हमारे गुणगान.......... .जीते जी अमर हम हो जाते.......
कम से कम उसके दिल मे हमेशा जगह पाते...



चलो एक आतंकी गया........

कुछ तो जीने का समय मिला...
डर डर के यू ही जीते थे....
कुछ तो हमे चैन मिला

मोहब्बत मे खुदा को ना भूल जाना
जिसने बनाया इंसान...उसे ना बिसराना

अब आपकी क्या कहे साहब...
अभी तक लिखते थे कविता
अब जिंदगी ग़ज़ल बन गई...
रहती थी जो दूर आपसे....
अब वो आपकी हमसफ़र बन गई..

उदासी का मंज़र मिला...
जब से तुम हो गये...
कोई ना तुम सा मिला..
जब से तुम हो गये....
रह गई यादें 
जहन मे तुम्हारी..
गये जो तुम 
यादों का काफिला मिला..

सांसो मे बसे हो तुम,
आँखो मे बसे हो तुम..
मेरे मन मे बसे हो तुम
मेरे तन मे बसे हो तुम

सबके दिन होते हैं..
सबके होते हैं अरमान..
ना पूरे हो दिन जिनके..
जानो उन्हे मरे समान

तुम करते हो जो हमारी खातिर
उसमे तुम्हारा प्यार झलकता हैं
लिखते हो ग़ज़ल हमारी खातिर
हमे ये अच्छा लगता हैं..

तेरी बाते नही मिलती
तेरा लहज़ा नही मिलता
इस शहर मे कोई
तेरे जैसा नही मिलता 

Tuesday, November 20, 2012

वो पुराने खत





आज जब सामने आए 
वो पुराने खत 
दिल से एक आह निकली..........
किया था कभी तुम्हे प्यार
वो बात निकली.......
खतो को चूमा तो उभर आया 
तुम्हारा अक्स..........
तभी देखा आँखो से 
आँसू की कतार निकली.

हो गया समझदार वो तो हमारा क्या होगा हम तो मर जाएँगे जीते जी.. कोई ना दुनिया मे हमारा होगा




वक़्त नही रहा हमारा...
खतो ने दिलाया याद हमे..
मिलेंगे अगले जनम मे..
यही बताया हमे..

हो गया समझदार वो
तो हमारा क्या होगा
हम तो मर जाएँगे जीते जी..
कोई ना दुनिया मे हमारा होगा

मरने के बाद होता हैं प्यार अमर सब जानते हैं..
लेकिन आप जैसे समझदार 
ये बात ना जाने क्यूँ नही मानते हैं

कहने को साथ हैं तो भी तो साथ हैं....
तू हैं मेरे साथ...भले ही नाराज़ हैं..

खत पहुचा हैं तो जवाब भी आएगा
सब्र रखना और भी...देखना तेरा प्यार भी आएगा..

तुम बहुत अच्छे हो
दिल के भी सच्चे हो..
तभी ऐसा कह पाते हो..
वरना लोग तो नक़ली नज़र आते हैं..

दुनिया मे सात जोड़े हैं जो आज तक अमर हैं
किया हैं प्यार उन्होने...लेकिन नही हुए सफल हैं..


Monday, November 19, 2012

तुम क्या जानो मेरा मांजी ही




यादों का घना जंगल...
जिसमे से कभी कभी 
तुम निकल आते हो..
नही देते हो फ़ुर्सत दम लेने की....
शेर की तरह हमे डराते हो..
मैं बेबस चिड़िया की तरह
सहम के रह जाती हूँ..
कभी नन्ही चीटी बन खुद को 
धरती मे छिपाती हूँ..
तुम्हारी  कड़कती आवाज़  से तो 
मैं थर्रा ही जाती हूँ..
बोलो क्या कोई अपने को
इस तरह भी डराता हैं
कभी यादो को भी भूत बनाता हैं
तुम क्या जानो मेरा मांजी ही
मेरे जीने का सबब हैं....
इसमे तुम्हारी खूबसूरत सी तस्वीर हैं..
जो कभी नही हो सकती जुदा
किसी के कहने से..

लोग कहते हैं नशा करना बुरी बात हैं हम कहते हैं खूब करो..........हम तुम्हारे साथ हैं..



खुद को सम्भालो..
शब्दो को बिखरने मत दो..
कही कोई तमाशा ना बन जाए...
और तुम्हारी मोहब्बत 
सबके सामने आ जाए..

खुल के कहो..
कोई राज़ ना रहने दो.....
हमारा क्या जाएगा
जमाना तुम्हारा ही मज़ाक बनाएगा

लोग कहते हैं नशा करना बुरी बात हैं
हम कहते हैं खूब करो..........हम तुम्हारे साथ हैं..

अक्स से बनती हैं जो कहानी
वो जिंदगी के बहुत नज़दीक होती हैं...
कह जाती हैं वो सच...
जो जिंदगी भी नही कह पाती हैं....
अंतहीन...सच....
सुना हैं ना तुमने....कभी कभी

बातों का जाल....मेरा नही तुम्हारा हैं..
हमको तो बस तुम्हारी बातों मे मुस्कुराना हैं....

ग़ज़ल को उठाया गले से लगाया...
देखा तो वो तुम बन गई...