Wednesday, November 7, 2012

लफ्ज़ भी तुम्हारे, बोल भी तुम्हारे


तुम्हारे लिए ली हैं फ़ुर्सत जमाने से
तुम आओ तो सही, जी मेरा बहलाओ तो सही

कट जाएगी गम की काली रात भी
नन्ही कली मुस्कुराएगी,

याद का दिया टिमटिमाने दो..आज

मासूम सा प्यार हमारा घर कर गया हैं तुम मे..
अब तुम कुछ भी नही देख पाओगे हमारे सिवा

हो गया हैं गैर का तो क्या हुआ
कभी तो था तुम्हारा, ये बात क्यूँ भूलते हो..

तकदीर की बात ना कर...हालात कर देते हैं
जुदा होने पे मज़बूर, अपना कहा नही चलता

चले जाओगे यू छोड़ कर मुझको
मुझे पता ना था...ख़त्म कर देती सारे झगड़े
जो हमारे मिलने मे रुकावट था..

 लफ्ज़ भी तुम्हारे, बोल भी तुम्हारे
अब कैसे कहु हम  अपना दिल तुम पे  हारे..

कोयल हैं हम..काले काले हैं
गाते गीत निराले वाले
डाल डाल मुस्काते हैं
अपना हाल सुनाते हैं

छुप छुप के लिखे थे खत तुझे
आज सब लौटा दो....कर लूँगी अकेले मे बात
उन खतो से, जब आओगे याद बेसबब मुझे

तूने क्या समझा छोड़ देंगे तुझे तन्हा
दुनिया की भीड़ मे...मेरे वजूद का हिस्सा हैं तू..

तुमसे ही हैं रोशन महफ़िल
तुम मत जाना छोड़ के
कतरा कतरा बिखर जाएँगे हम
चले गये जो उठ कर तुम तो
हो जाएँगे हम कमजोर

तुमसे ही तो जीते हैं
तुमसे ही तो मरते हैं
अपने अब हम रहे कहाँ?
तुझमे ही तो बसते हैं

तुम किसी और के.......... मैं किसी और की
ये तो कहने भर का रिश्ता हैं.....
हैं जनम जनम का जो रिश्ता
उसे कौन भूलता हैं?

Tuesday, November 6, 2012

माँ





पढ़ के ख़त मेरा




पढ़ के ख़त मेरा 
मुझसे दूर चले जाओगे 
जाकर दूर मुझसे
क्या खुश रह पाओगे 
पढ़ के देखो फिर से 
लिखी हैं मेरी मजबूरिया 
शायद  तुम्हे लगा होगा 
मैंने तुम्हे मायूस किया हैं।।
नहीं मेरे हमसफर 
खुद को मैंने जिन्दा रह कर
मरने की फरमान दिया हैं।।



  बेटियों का क्या हैं जहाँ जाएगी फूल खिला देंगी 
तुम्हारा आशियाना सजा देंगी, तुम ही देते हो सजा उनको
कभी जीने की, कभी मरने की

मुझे मालूम हैं रूठना भी कोई आसान नहीं
करते हो ये सब मुझेमनाने  के लिए 
प्यार जो बहुत करते हो मुझसे 

मान गए जो आपकी बात 
पछताते हुए बीत जाएगी तमाम रात 

प्यार की हर अदा तुम्हारे लिए 
बचना बचाना, छिपना छिपाना शर्मो हया
रंग हैं प्यार के।।

चढाया  जो रंग तुमने इतना गहरा कैसे उतरेगा 
प्यार हैं रंग हैं ये कैसे बदलेगा 
युगों युगों से चलता आया हैं चक्र ये 
देवी देवता भी हैं तरसते सच्चे प्यार को।।

करो उजाला दिल में बाहर खुद ब  खुद हो जायेगा।।
तुम हो गए खुश तो सारा जहाँ भी खुश हो जायेगा 

साँसों को चलने दो, जिंदगी को बढ़ने दो।।

    क्यूँ सोचते हो ऐसा                  
    सूरज नया आयेगा
    सवेरा भी नया लायेगा मायूसी तोड़ो 
    खुद को फिर से खड़ा करो, धूळ झाडो और चल दो। 

रंग मत भरना...



किया हैं टूट के तुझसे प्यार कोई एहसान नही हैं..
आया हैं जब तब तेरा ही ख़याल कोई एहसान नही हैं

अबकी जो बनाना कोई तस्वीर रंग मत भरना...
देखना वक़्त की कूँची खुद अपना काम करेगी..

खाक हो जाएँगे सपने तेरे
सुबह होने तक..............

उपर वाले ने दे दिया आसमान संभाले कोई...
क्यूँ रखे तह करके...गाळीचा अपना

सारे सपने ले गया कोई..
रात भर का जागना दे गया कोई..
बदलते रहे करवटे..
ना आना था उसे ...ना आया कोई .

दे दी हैं उन्हे इतनी इज़ाज़त हमने..
आ जाए मेरे खवाबो मे, बिना दस्तक दिए..

हम नही करते कोई झूठा वादा..
मेरे कहने से तुम सो जाओ..
हम आए जो मिलने तुमसे...
तुम कह दो की हम सो रहे हैं अभी जाओ..

टूटी तस्वीर के टुकड़े  न जोड़ो तुम...
आ जाओ फिर से...नई तस्वीर की खातिर

मत छोड़ना आस तुम..
रखना एक विश्वास तुम..
एसा भी पल आएगा
वो तुम बिन ना जी पाएगा..
दौड़ के तुम तक आएगा...
तुमको जिंदगी बनाएगा....

कितनी पीनी थी
कितनी पी ली हैं
की तुझे होश नही...

करना था कुछ और ये काम कर दिया..
कह के बार बार अपना..मेरा काम तमाम कर दिया

ताज़ा शबनम की बूँद तुम्हारी याद दिला गई..
सो गया था जो दिल मे प्यार, एक बार फिर जगा गई..

Monday, November 5, 2012

कब्र पे तुम ए जो मेरी रौनक खुद ही आ जायेगी जला दी जो प्यार से एक मोमबत्ती चिता रोशन हो जायेगी


आबाद हुए दिल के जंगल  जो लगा वो सीने से
बढ़ गई दिल की बेताबी, लिपटा  जो बदहवासी से 


कब्र पे तुम ए जो मेरी रौनक खुद ही आ जायेगी 
जला दी जो प्यार से एक मोमबत्ती चिता रोशन हो जायेगी 

ओस की बूँद हूँ मैं ..मत  छुना  मुझे ...
सूरज के इंतज़ार में रुकी हूँ ले जायेगा मुझे 

कतरता हैं पंख मेरे ये उसकी चालाकी हैं 
करती उड़ने की जब जब मैं गुस्ताखी हूँ।

तुम्हारा दिल हुआ हमारा आशियाना 
एहसासे समंदर  में अब दिन रात गोते लगाना 

तुमसे जुडी मेरी सारी  अनुभूतियाँ  हैं।
तुम हो तो जिंदगी में रौशनी हैं।
सारे  एहसास तुमसे हैं
क्यूंकि आज  से तुम हमारे हो।

तुम्हारा साथ निभाता तो जाने कहाँ पहुच जाता।।
बहुत बद नसीब था वो जो नहीं आया तुम्हारे साथ।।

बता दो हर किस्सा ए गम..





क़लम जो चलाई तुमने मनचाही इबारत लिख डाली..
तस्वीर जो उबरी दिल मे अपने रंग मे रंग डाली..
किया क्या तुमने? पूछा क्या कभी तस्वीर से तुमने...
क्या खवहिश थी उसकी..रंगने से पहले....

बता दो हर किस्सा ए गम..
कुछ तो करेंगे...ना लगा पाए मरहम तो..
मिल के साथ रो लेंगे..

कभी तो कहो..कभी तो सुनो..
अपना गम..हैं ये..मुझसे भी बाँटो..

मत बाँटो प्रसाद की तरह
लेकिन अपनो को तो दे सकते हो..
नही कम होगा  बाँटने से तो क्या हुआ..
इसी बहाने किसी से  अपनापन तो होगा....

उड़ा लो मज़ाक..बना दो किस्से
हम भी सुन लेंगे....रो लेंगे
लेकिन तुम्हे कुछ ना कहेंगे 

नही मुस्कुरा सकते...
उसने मुझे रुलाया हैं बहुत

मारे खुशी के रो पड़ेंगे..

दी हैं खुश रहने की दुआ...
अपना गम बताया नही...
कैसे रहेंगे खुश..........
उनको समझ आया नही..

मेरे हँसने की शर्त ये हैं..तुम्हे भी खिलखिलाना होगा...
अपना हर गम मुझे भी बताना होगा...

बादल पार की कहानी लिखना मिल कर दोनो...अपनी निगाहो से
सुंदर नज़ारा नज़र आएगा..बताओगे जब ये किस्सा 
हर कोई ठहर जाएगा..

तुम्हे आता हैं बहलाना मुझे सब पता हैं..
मुझे खुश करने को करते हो क्या क्या 
मुझे सब पता हैं...

सबका अपना अपना सूत्र हैं..
कोई हँसाकर खुश होता हैं 
कोई रुला कर...तो कोई चिढ़ा कर 

हम नही सताते उसने मुझे रुलाया हैं..
आपको क्या पता कितना जख्म लगाया हैं..

लेकिन जब वो मरहम लगाएगा बहुत देर हो चुकी होगी....

Sunday, November 4, 2012

मोहब्बत एक जज़्बा हैं प्यार का...

  • मत लिखना मेरे भाई....वरना बाकी क्या करेंगे.....
    कब तक कागज बन ने का इंतज़ार करेंगे...


    मोहब्बत एक जज़्बा हैं प्यार का...
    सुकून का, एहसास का, विश्वास का..


    दिल मे हो महक प्यार की...तभी निकलते हैं ताजमहल लफ़जो के
    वरना कागज तो बहुत हैं दुनिया मे...बिखरा हुआ..


    दिल दिया होगा किसी को...


    आप का एतबार उनसे किया प्यार हैं...
    वो नही करते एतबार, उनकी उनपे छोड़े..


    तुम्हे कहाँ मार पाएगा
    मिलेगी जो तुमसे नज़र...
    बेचारा वही मर जाएगा..


    जो समझ गया इश्क़ के मायने....
    समझो पा गया...खुदा के नूर को 


    खंजर से मारना कत्ल हैं दोस्त..
    नज़रो से मारना प्यार की अदा 


    दुनिया लग रही हैं नई...हवा ने भी खुश्बू बिखेरी हैं...
    हर तरफ छाया है सुरूर मस्ती का..कही ये प्यार तो नही..

  • अफ़साना हैं तो अंजाम भी पाएगा..
    कहीं ना कहीं तो ठहर जाएगा


    सब हैं दुखी कैसे पता..
    मुझे तो अपने जैसा एक भी ना मिला..


    एहतियातन तुम भूले
    आदतन मै याद करती रही...


    कैसे कर लेते हो ऐसा...
    एक दूसरे से जूझे रहते हो..


    भर देंगे दवात तुम्हारी..तुम कलम चलाते रहो...
    लिखते रहो दस्ताने दुनिया..सबका जी बहलाते रहो...


    तुम्हारे शब्दों की हरारत .....बता देती है मुझे ......तुम्हारे मन का ताप ...
    तुम्हारी हर हरकत .....करती हैं मुझसे बात..सच हैं ना..

    तन्हाई पाती हैं निवास मन मे..
    क्या मतलब हैं उसे किसी शहर से..