Saturday, October 27, 2012



तेरी दीद हैं तो मेरी ईद हैं..
कुछ इसतरह की मेरी प्रीत हैं
पता पूछते हैं सब तेरा......
मैने कहा उनसे दूर रहना
अब नही कोई रीत हैं
तू करीब हैं तो मेरी ईद हैं..

मेरा प्यार मेरी दोस्ती
तुम्हे याद हैं.........
चलो अच्छा हुआ.....
तेरी याद से ही हम आबाद हैं

जमाने ने हमको जुदा किया...
मेरे फसाने ने हमको मिला दिया
जमाना हार गय.. मोहब्बत जीत गई..

तुम जाना ना हमे छोड़ कर
हम कहाँ फिर जाएँगे........
तुम्हारी बाह छूट गई तो.....
दुनिया के मेले मे बिछड़ जाएँगे

छोड़ के सारी दुनिया आए जो तेरे पास
तू बोला अब नही रही तू मेरे लिए खास

मेरी हँसी.........जैसे पायल की रुनझुन
मेरे गम जैसे...पहाड़ से ज़्यादा भारी....
क्यूँ घबराते हो....मैं सह लूँगी..दुनियादारी सारी..

तेरे लफ़्ज से होती हैं मेरी पहचान....
तूने दिया जो मुझे इतना सम्मान

मेरा नाम तो लिखा हैं तेरे दिल पे...
कलम तो बस लिखती हैं..

Friday, October 26, 2012

हो गई हैं रात चलो सो जाए..



हो गई हैं रात चलो सो जाए..
तकता हैं चाँद हमारी बाट
चलो सो जाए..
तारो की ओढ़ ले चादर.........
चाँदनी को तकिया बनाए
चलो सो जाए...


लोगो ने कितना समझाया..दर्द था मेरा नही पराया
कैसे उनको हम समझते..दर्द भी हैं मज़ा दे जाते....उम्र भर की सज़ा दे जाते

तेरा प्यार मेरी अमानत हैं...
तपते सहरा मे..थोड़ी ठंडक हैं..

इश्क़ की बाज़ी थी....उसे जीतना ही था...
तू चाहे कितना भी दम लगाता तेरी मात ही थी..

तुम्हारे बिना रहना एक पल भी ना गवारा होगा...
जिस घड़ी  तुम ना हुए तो मेरा भी सवेरा ना होगा...


उसकी  सहृदयता देखो कितना प्यार करता हैं तुम्हे
जिन आँसू को तुम बहा देते हो यू ही संभाल लेता हैं वो उन्हे

माँगा भी तो मुश्किलो की तरह..
क्यूँ नही कहते,,सुकून दे जाओ मुझे..

कहाँ जा रहा हैं तू ए जाने वाले..
मुझको भी तू ले जा मेरा शहर उजाड़नेवाले

दिल का क्या हैं..उसको मना लो..
लेकिन ये और भी अच्छा हैं किसी को अपना भी बना लो..

तुम भी कमाल करते हो
लेकर दिल मेरा अपने हाथो मे..
अपना ही नाम करते हो..

सुनकर मेरी बाते तुम हंसते हो..
तुम भी मेरा मज़ाक करते हो..जाओ हम नही बोलेंगे

हमे नही खाना हैं...शुगर का बहाना हैं

हमने ना बनाई बतिया..
आँखो आँखो मे कट गई रतियाँ

हम जो सारी रात जागे....
सुबह मच जाएगा शोर....
ये दिल माँगे मोर

रूठ कर तुमसे कहाँ जाएँगे
सुबह होते ही फिर तुम्हारे पास चले आएँगे

कैसे जाने दे तुम्हे घर ओ जादूगर
तीर चलाया ना कर..मेरे हमसफ़र

Wednesday, October 24, 2012

चंपा के फूल संग



चंपा के फूल संग 
तेरा मेरा रिश्ता पुराना हैं..
देखते हैं जी भर के....
यादों का आना जाना हैं
झोली मे सजाकर ..
तुमने हमने इन्हे अपना माना हैं...

हौसला बनाए रखना..
हो सकता हैं कल तेरी 
ज़रूरत पड़ जाए..
तेरा प्यार तुझे मिल जाए..

यादों से भागना चाहता हूँ..
तुम और दे जाते हो...क्या करते हो दोस्त..
मेरा गम क्यूँ बढ़ा जाते हो..

मेरा कंधा उसका सर..




मेरा कंधा उसका सर..
रोता हैं वो बिलख बिलख कर..
किंतु किसी और के लिए..
कैसे दूँ सांत्वना..कैसे करू खुद सब्र
अब नही सहन होता हैं..मैं भी इंसान हूँ..
मेरा भी दिल जार जार रोता हैं..
चाहत को कैसे उसे बताउ
नही दिखा सकता अपना दिल चीर कर.
कैसे उसे दिखाउ....अब नही होता हैं सब्र

Monday, October 22, 2012

तेरी मेरी बात ऐसे..
जैसे बरसात मे उफनती नदी...
नही रहती होश मे अपने...
बह जाती हैं कहीं भी..

तेरी ही याद से जिंदा हूँ...
ना रहा मुझमे कुछ बाकी...
अपनी बात पे शर्मिंदा हूँ...
अब नही दूँगी कोई मौका तुमने..
नाखुश रहने का...
जा रही हूँ दूर तुम्हारी दुनिया से..
रहना खुश मेरे यार....मत करना अब मुझे तुम प्यार..


दिल जो अगर भर गया हो..
तो किसी को क्या कहे..
कैसे बुने खवाब....कैसे ख़ुशगवार मंज़रचुने...
नही रहना अब दुनिया मे...
चलो कहीं तन्हा रहे..


देखे जो खवाब
सब किर्चि किर्चि बिखर गये..
रहना था साथ उनके
देखो वो अलग गये...
अब कोई मंज़र, 
ना मंज़िल का निशा...
जाना था कहाँ...
हम देखो किधर गये..


कैसे भूले हमको वो..
हमने प्यार सिखाया हैं
हमारे प्यार को ही तो उन्होने
दुनिया मे जा कर बढ़ाया हैं
करते हैं मेरी बातें...
हमको कब भुलाया हैं..
देते हैं खुद को धोखा...
 हम पे भी आजमाया हैं..