Thursday, October 11, 2012

My Shayaries...




तुम गये मुझे छोड़ कर मेरी दुनिया ही ले गये..
जीने का कुछ समान था..उस से भी हम गये..

ना चल मेरे साथ तू...चल नही तू पाएगा..
राह मे मेरी काँटे बहुत हैं.....चलना दुश्वार हो जाएगा..

बिछड़ के हमसे खुश नही रह पाते हो..
क्यूँ फिर रूठ कर हमसे..दूर चले जाते हो..

कौन कम्बख़्त चाहता हैं तुझे भूलना
तू तो मेरी जिंदगी का मक़सद हैं..

चलो अब बात करे....
कोई नई दुनिया इज़ाद करे..
जहा ना हो कोई सताने वाला..
हम अपनी अपनी बात करे..

हाथो मे तेरा हाथ...
क्या बात 
क्या बात 

रखता हैं जब वो तेरे दिल पे हाथ..
दर्द काफूर हो जाता हैं..
जैसे ही हटाता हैं हाथ....
दर्द फिर बढ़ जाता हैं....खुदा खैर करे..

खता गिन भी ली तो क्या करोगे..
माफ़ तो कर ही दोगे...रह कहाँ सकोगे..

रूठ भी गया तो कहाँ जाएगा...
थोड़ी देर घूम कर लौट आएगा..
चिंता ना करो प्यार मे दम हैं तुम्हारे.
तुम्हे छोड़ ज़्यादा देर रह नही पाएगा..

ishq me masumiyat ka alam dekho,
katl karte hai nazro se
ilzaam bhi nahi lete.

shaam ki madhoshi ka ye alam hai..doobta suraj bhi gazal lagta hai

maine jo phera mukh to, tumhara kya hoga toot ke barsega badal, alag si ye saza dega

sun tu ishq me mar mitne ko kehta hai, marke bhi kya koi azad hua hai ishq se

jab tune mujhe chaha to samajh aya hai, jane kitno ka janaja nikal aya hai

प्यार धोखा तो हैं..लेकिन बड़ा प्यारा हैं..
जिंदगी में जो न करे प्यार..वो बेचारा हैं..

मत रहो तन्हाई में..
कुछ नहीं हैं बेबसी के सिवा वहां..
रहना हैं तो किसी के दिल को अपना लो..
उम्र भर के लिए वहीँ डेरा जमा लो..

हटाया जो तुमने नकाब तो चेहरा दिखा हमें....
आंसुओं में भीगा हुआ...सहरा दिखा हमें..

dekho na holi pe tumse mile, diwali pe juda ho gaye, kismat ne bhi kaise kaise khel kiye.

ham khanabadosh hai, hamara kaha thikana hai, utar gaye jo dil me to, mushkil mera jana hai..

tum jano takraar ki batein, hame to pyar sanam bhata hai.

उनके दिल मे...उनकी मर्ज़ी के बगैर रहने से क्या होगा..
जब तक नही देखेंगे तेरी ओर..तेरा भला ना होगा..

तुम्हे पता हैं तुम अपराजिता हो..
कभी नही हारी तुम...
ना सागर से ना सागर की लहरो से..
ना सूरज से ना सूरज की किरनो से..
तुम्हारे दम से हैं रोशन ये दुनिया..

जो करते हैं सच्चा प्यार 
उन्हे कुछ कहना नही पड़ता
सुन लेते हैं दिल की सदा वो....
उन्हे यू कभी बुलाना नही पड़ता

प्रेम ki बात कर..तो
या तो सब मिलता हैं 
या कुछ भी हासिल नही होता...
इंसान रीता रह जाता हैं..

संग तराशते ही खुदा हो जाता हैं...
मिला लो जिसे अपने आप से..वो खुदा हो जाता हैं.

बचपन...प्लीज़ फिर से आ जाओ ना..
मुझे तुमसे बहुत सी बातें करनी हैं...
लड़ना हैं, झगड़ना हैं..खेलना हैं,......
हँसना हैं रोना हैं....सबसे प्यार करना हैं..
आ जाओ ना..प्लीज़ एक बार

गया जो उसके चरनो मे
सुकून पा गया..
जिंदगी का मक़सद मिला..
आराम आ गया..

नसीब किस्मत सब खेल हैं खुदा के..
जब जहाँ चाहता हैं...घुमा देता हैं..डोरी






Wednesday, October 10, 2012

सात फेरे..




थामा जो तुमने हमारा हाथ..
मन में गर्व सा हो आया हैं 
जीवन में तुम्हारे जैसा 
एक सच्चा साथी..मैंने पाया हैं.. 
पहला फेरा लिया जो तुमने..
मन में यकीन आया हैं.. ..
नहीं करुगी किसी पे एतबार तुम्हारे सिवा 
पहला वचन कुछ इसतरह निभाउंगी 
चलूंगी  हर दुःख सुख में साथ तुम्हारे 
तुम्हारी अर्धांगिनी कहलाऊँगी  
दुसरे फेरे में के साथ रात में अकेले कहीं नहीं जाउंगी..
तुमसे पूछे बिना कोई भी कदम नहीं बढ़ाउंगी ..
तीसरे फेरे के साथ....करेंगे  हर धर्म का निर्वाह साथ साथ 
चाहे वो पूजा हो या पाठ साथ साथ चलेंगे ..
ऐसे अपना साथ निभाएंगे.. ....यु ही सारी जिंदगी निभाएंगे.. 
चलो अब चलते हैं चौथे   फेरे की और..
नहीं करुँगी कोई शुभ काम तुम्हारे बिना..
सारे भगवानो को साथ में रिझाएंगे..
सुनो ......तुम्हारे बिना तो हम मंदिर भी नहीं जायेंगे..
पांचवा वचन पहले वचन जैसा हैं..
तुम्हारे सिवा मुझे और कहीं नहीं रहना हैं..
शक का नहीं रहेगा कोई स्थान 
एक दुसरे पे यकीन  का पाठ ...
हमें साथ साथ पढना हैं .....
सुनो.. प्रिय ..अब मैं आगे आती हूँ अपने दो फेरे 
तुम्हे मेरे पीछे चल कर लेने होंगे.. 
मानना  होगा मेरी सारी बातों 
जो की एक दुसरे के हित में होंगी..
नहीं करनी होगी कोई शिकायत..
किसी की ...किसी से.. 
सबको अपना बनाकर चलना होगा.. 
चथव फेरा ये कहता हैं ले चलोगे मुझे हर जगह अपने साथ..
नहीं छिपाओगे मुझसे कोई भी बात 
चाहे वो कितनी भी भयानक हो..
सातवे फेरे के साथ लोगे हर बात में मुझसे सलाह 
चाहे वो जिंदगी में कितनी भी निर्णायक हो..
तुम्हारा परिवार होगा हमारा परिवार..
नहीं करेंगे एक दुसरे पे कोई वार..
चाहे हो कोई व्रत या त्यौहार 
मिल कर सब साथ मनाएंगे.. 
इस तरह प्यार की सारी रस्मे निभाएंगे..
लो अब हम मिल कर एक हुए..
उम्र भर के लिए..
मौत के बाद भी न हमारा साथ छूटेगा..
सात जन्मो का ये बंधन..अब कभी नहीं टूटेगा..



तुमने मुझे यू निहारा




तुमने मुझे यू निहारा
ना जाने कहाँ खो गया..
तेरी नयनो मे जाकर 

देखो ....मैं कहीं खो गया..
उतरा तुम्हारे दिल मे इसतरह..
जैसे खुद मैं खुद से
जुदा हो गया..
जादू चलाते हो कैसा सनम..
भूल जाते हैं हम अपना सारा गम
दिया तुमने जो सहारा मुझे
आज से दिल ये तुम्हारा हुआ..
आज से मैं भी तुम्हारा हुआ..
तुमने हमे जो निहारा..
मेरा सब कुछ तुम्हारा हुआ.

जिंदगी में खूबसूरत पल जो आया हैं..





आज न जाने क्यूँ खुद पे 
एतबार करने को जी चाहता हैं.

तुम मिले हो मुझे तो................
खुदा भी मैंने पाया हैं..
नहीं करना चाहती अब कोई गिला ..............
अपने आप से..
जिंदगी में बरसो बाद ये .........खास दिन आया हैं..
खुशियों ने रखा हैं चुपके से कदम..हमारी चौखट पे
तुमने भी अपने प्यार की ............इस जिंदगी पे
अपनी मुहर लगाया हैं..
खुश हूँ बहुत..सच कहू..आज मैं..
मोहब्बत के रास्ते पे हम दोनों ने
आज शायद पहला कदम बढाया हैं.. .....
खूबसूरत लग रही हैं ये जमी..........बाग़ बहारे..नदिया जंगल
तारों ने भी हमारे लिए .............अपना जाल बिछाया हैं...
चाँद ने लिया हैं हमारा .....................प्यार से बोसा..
चांदनी ने तकिया लगाया हैं....
रहे यु बढ़ता हमारा प्यार दिन ब दिन..
शायद जिंदगी में पहली बार
प्यार का मौसम आया हैं..
चलो खाए कसम मिल कर
नहीं छोड़ेंगे साथ हम तुम..
जिंदगी में खूबसूरत पल जो आया हैं..

तुम्हारा ख़याल





हुई आज फुर्सत तो 
तुम्हारा ख़याल आया हैं..

की थी जो चुपके से
जो तुमसे आँखों ने बातें..
उनका सवाल आया हैं
तुम्हारा आँखों से पूछना..
मेरी मौन स्वीकृति में
धीरे से सर हिलाना
तुम्हारा चुपके से
मेरे पीछे पीछे आना...
सब याद आया हैं..
हुई आज फुर्सत तो..
तुम्हारा ख़याल आया हैं..
सच बहुत प्यारे दिन थे हमारे..
न थी किसी बात की चिंता..
रहते थे हम तुम तुम्हारे हमारे..
आँखों से दिल में उतरते थे..
सच हम प्यार को भी कितना
अच्छे से प्यार करते थे..
मौन ही मौन में कहाँ तक
चले आए हैं......
कब घर की दहलीज़ मॅन से
पार कर आए हैं......
पता भी न चला हमे..
आज हम कहाँ से कहाँ तक आए हैं..

क्या शक का भी इलाज़ हुआ करता हैं?





कर दिया सब कुछ अर्पण..
फिर भी हम पे शक करता हैं..
जाने कैसा हैं वो..

तुलसी जैसे पवित्र रिश्ते को..
नापाक किया करता हैं..
कैसे दिलाऊ भरोसा उसे..
वो तो बस सवाल पे सवाल किया करता हैं
नहीं हैं एक भी जवाब
अब हमारे पास ....
यु ही दिल को दुखाया करता हैं
ना जाने क्यूँ खुद को
हमसे दूर किया करता हैं
कहाँ से लाऊ, उसके लिए
खरीद कर एतबार..
अब कुछ नहीं हो सकता हैं..
दोस्तों अप ही बताये..
क्या शक का भी इलाज़ हुआ करता हैं?

तेरे साथ का सफर






जब हर जगह तू ही हैं छिपा
हर वक़्त मेरे साथ चल रहा..
तो क्यूँ करुँगी तुझे याद..

करती चलूंगी तुझसे
मैं सारी बात...
कब कट जायेगा सफर
पता ही न चलेगा..
तू जो मेरे संग होगा..
फिजा का भी बदला सा
हर रंग होगा...
रंगीन बहारो संग...
हमारा सफर भी..
कितना रंगीन होगा....
 — 

वो फिर से अ जायेगा... —





चला गया जो हमें छोड़ कर
वो कैसे आयेगा?
प्यार का परचम अब कैसे लहराएगा..
थी उम्मीद मन में बाकि उसकी...कभी तो खुशिया लायेगा...
भूल गया जो अपनी सजनी को..

उसे आप क्या याद आयेगा...
सब कुछ अब भी मेरे पास हैं
वही हैं बाते, वही हैं राते...
दिन लेकिन बर्बाद हैं...
दिल घुटता हैं हरदम मेरा
क्या हरदम हमें रुलाएगा
या कर लू मजबूत कलेजा..
वो फिर से अ जायेगा...
 —

डूबता सूरज




डूबता सूरज लाल आँखो से जब देखता हैं तुमको
लगता हैं..सारा दर्द पी एक लेगा एक साँस मे..तुम्हारा
तुम्हारे टूटे सपने उसे अपने लगते हैं..
जो देखे थे कभी उसने...किसी शाम के साथ....
चाँद भी हो जाता हैं सफेद रातों मे..

जानते हो क्यूँ...दर्द से प्रायः होठ सफेद जो पड़ जाते हैं
देखा होगा असहनीय दर्द मे तुमने कभी..
लेकिन तुम कहाँ समझोगे..प्यार के इस दर्द को..
बार बार...तमाम बार मारना पड़ता हैं...
खुद को..सपनो को, जज्बातो को..अरमानो को..
दिल मे पलटी हर उस बात को..
जो ज़रा सा भी सुख देने वाली होती हैं..
दर्द का दूसरा नाम ही शायद प्यार हैं..