Saturday, September 29, 2012

तुम्हारी इबादत के आगे सब फीका हैं



भूलने से कोई भूलता हैं...
जो दिल मे जा बसता हैं
उसे तो मौत ही निकाल पाती है..
हस्ती से भला कोई जुदा होता हैं..

तुम्हारी इबादत के आगे सब फीका हैं
मेरा हर सजदा तेरी राह से गुज़रता हैं..
लोग कहत् हैं मुझे काफ़िर.....
क्या करू दिल तुझसे हो मोहब्बत करता हैं

तेरा तेरे से वास्ता...मुद्दत हुई टूटा....
क्या हुआ क्या किसी ने तुझे फिर सरे राह लूटा

जब जुदा हुआ...तक्सीम ही हुआ..
की कई तरतीबे..तरतीम ना हुआ..

क्या कहे अब कहा नही जाता
तुम्हारे बिना अब कोई सुख ....
सुख नही नज़र आता
काँटे सा लगता हैं..सब कुछ
तुम्हारे बिना अब जिंदगी...
कुछ मज़ा नही आता

सच्चे नही रहे होंगे तेरे दोस्त
नही तो तुझे बचा लेते........
अपनो को कभी सज़ा नही देते..
क्यूँ क्या मैने कुछ ग़लत कहा..

चश्मे को क्यूँ दोष देते हो..
नज़र को क्यूँ नही रोक लेते हो...

रात को आएगा..कैसे कह सकते हैं...
अभी आप सो जाए..उनके आने का
कुछ नही कह सकते हैं
दे देते हैं नॅमबर आपका...
खुद कॉल लगाएगा.....
अपने आने की शुभ सूचना खुद ही सुनाएगा

संग तराशते ही खुदा हो जाता हैं...
मिला लो जिसे अपने आप से..वो खुदा हो जाता हैं.

Wednesday, September 26, 2012

तुम्हारे संग ...नौका विहार




उदास मन हैं तुम्हारा
ये क्या कह डाला..
मौजूद हूँ तुम्हारे आस पास
महसूस तो करो मुझे मेरे यार..
कितना अच्छा समा बनाया हैं..
चाँदी की नौका को .......तुम्हारे लिए....आधी रात मे
तुम्हारे संग ...नौका विहार को बुलाया हैं..
मत हो उदास अभी .....
देखो प्यार का मौसम..तुम संग
लौट आया हैं...

Tuesday, September 25, 2012





थाम कर तेरा हाथ मुझे 
उम्र भर चलना हैं
नही रहना तुझसे हैं दूर..

मुझे इतना ही कहना हैं..
चल सकोगे मेरे साथ यू ही..उम्र भर

सजन ....तुम ही तो अब मेरा गहना हो..
एक पग भी बढ़ाया तुम्हारे बगैर
डरती हूँ कहीं खो ना जाउ
दुनिया की गहरे समुंदर मे डूब ना जाउ
तुम करो वादा साथ रहने का...
तुम कहो तो मैं सब को भूल जाउ..

Monday, September 24, 2012

अभिभूत हूँ मैं आपके प्यार से




आप सबने दिया इतना प्यार 
उतर गया हमारा सारा बुखार
अभिभूत हूँ आपके प्यार से..
करती हूँ अगर शुक्रिया..
लगता हैं मन को शब्द 

बहुत छोटा हैं..
लेकिन क्या कहूँ
दिल से आभारी हूँ
दे देते हो आप सब इतना प्यार
तभी तो फक्र से महसूस होता हैं..मुझे
आप सबकी बहुत प्यारी हूँ..
ये प्यार ता उम्र बनाए रखना
बनाया हैं जो रिश्ता प्रेम का
यू ही निभाए रखना......
ना जाना कभी हमे छोड़ कर
हमसे यू ही अपनापन बनाए रखना....
शुक्रिया शुक्रिया शुक्रिया.............




चलो आज से पेड़ लगाए..
हो सकता हैं..... पैसे निकल आए..
छोड़ दे घोटाले सारे..
रोशनी.. हवा ......पानी की तरफ
अपना ध्यान लगाए..
हो सकता हैं ......पैसे निकल ही आए..
विश्वास भी ......बड़ी चीज़ होती हैं..
जब पत्थर सालिगराम बन सकता हैं
तो क्या पेड़ .....फल की जगह ......पैसे नही दे सकता हैं..
एक बार तो अपना विश्वास जगाए..
खूब ढेर सारे पेड़ लगाए..वो भी मिल कर
कुछ ना हुआ तो..... ऑक्सीजॅन का इंतज़ाम हो जाएगा..
लंबी होगी उम्र सबकी..
लेकिन एक सवाल????
जीने को पैसा कहाँ से आएगा????
 

main beemar hoon



देखी मैने वीरानी क्या होती हैं
मौत की परेशानी क्या होती हैं
अब समझ मे आया जबसे हुई हूँ बीमार
लगता हैं अंत समय आया हैं
जो साँस जाती हैं बाहर..

भीतर आने मे समय लेती हैं
इतनी देर जान समझो
सांसत मे ही लटकी रहती हैं..
एक एक कदम उठना भारी लगता हैं
नही लगता किसी भी काम मे दिल..
हर वक़्त उखड़ा उखड़ा रहता हैं
रोज़ मर मर के जीती हूँ
साँझ नही आता कैसे जाए
जल्दी से बीमारी
बस आप सबकी दुआ ही ले सकती हूँ
करे दुआ हम ठीक हो जाए
करे साथ मिल कर आप सबके साथ मस्ती
फिर से साथ मिल कर क़हक़हे लगाए,....

प्रिय एक बार आ जाओ.....




औरत का सूनापन ............तुम क्या समझ पाओगे...
बिना पति के उसका जीवन.... तुम क्या समझ पाओगे
तुम नही तो.................... नारी का कोई शृंगार नही..

किसी के हृदय मे ..........................वो प्यार नही...
तुम थे जीवन था..तुमसे खाना.......तुमसे रहना....
तुमसे ही सब ............दुनिया मे भी व्यवहार था...
अब कोई नही आता हैं..घर सूना सूना रह जाता हैं..
महीनो बीत जाते हैं..नही लेता कोई सुधि......हमारी..
बच्चा भी बेचारा...............रो रो कर अकुलाता हैं..
तुम्ही से थी सुबह हमारी ...तुमसे ही तो शाम थी..
तुम लेते थे सारे निर्णय......मैं तो बस तुम्हारी छाँव थी...
कौन लेगा ये सब निर्णय.......कुछ तो तुम बतला जाते..
जाने से पहले प्रियवर......कुछ तो हमसे कह कर जाते.....
कुछ ना कहने का दुख .........हरदम हमे रुलाएगा.....
किस से कहूँगी अपनी पीड़ा, अब कौन हमे समझाएगा..
प्रिय हो सके तो आ जाओ..मेरी खातिर ना..अपनी
बूढ़ी माँ और बेजान होती अपनी बेटी की खातिर..
कुछ तो कह कर जाओ.....नही रह पाएँगे तुम बिन..
तुम तो ये जानते हो..क्यूँ करते हो आँख मिचौली..
क्या हम सब को अच्छी तरह नही जानते हो....
अब और ना कुछ कह पाउगी..कह दिया हैं मैने तुमसे..
तुम्हारे बिना ना जी पाउगी..
साथ लिए थे जो संग फेरे उन्हे तो निभा जाओ..
प्रिय एक बार आ जाओ......