Thursday, February 16, 2012

सीधा साधा प्यार का अंदाज़


तुम्हारा दामन जो पकड़ा कांटो ने...
तुमने बचाया प्यार से...............
अटक गया जो फ़ास उसे छुड़ाया
अपने ही अंदाज़ से................
आई जो मुख पे दर्द की लकीर
ना दिखने दी तुमने चेहरे पे
पी लिया दर्द को उसी खुमार से
तुम्हारा यही अंदाज़ मुझे भाता हैं
रसोई मे गूँथते समय आटा
जब आती हैं एक लट तुम्हारे चेहरे पे
वो चेहरा मेरे दिल मे उतर जाता हैं
तुम्हारा प्यार मुझे पग पग पे बुलाता हैं
ये सीधा साधा प्यार का अंदाज़
मुझे क्यूँ नही आता हैं???????


तुम्हारा आना और झलक दिखला कर गुम हो जाना
मुझे विचलित सा कर जाता हैं
तुम्हारी एक झलक पाते ही मेरा गुम हो जाना
शायद मुझे तुम मे मिला जाता हैं
नही देख पाती तुम्हे लेकिन महसूस कर पाती हूँ
नही छू सकती हूँ तुम्हे
लेकिन बतिया पाती हूँ...
अपने सुख दुख सब तुम्हे
दिखला पाती हूँ....
और तुम ही दे पाते हो मुझे सहारा
अपना बना पाते हो
कोपल पत्ती को  एक संपूर्ण पत्ती मे बदल पाते हो..
सच बहुत रोमांचित करता हैं
जब तुम्हारी झलक ने मुझे नही रहने दिया मेरा अपना
तो तुम्हे पाकर क्या मुझे खोना होगा
तुम्हारे अस्तित्व मे खुद के अस्तित्व को विलीन करना होगा
तभी बनुगि मैं तुम.....तुम मैं....और तुम और मैं से बढ़कर हम

आग


आग का काम हैं जलना
और उसकी गिरफ़्त मे
जो आए उसे जलाना
विचार भी यही किया करते हैं
आप पास आए लोगो मे
आग भरा करते हैं
बाहर की आग तो
वक़्त के साथ बुझ जाती हैं
अंदर की आग उम्र भर
जलती हैं, जलाती हैं...
कोशिश करो अंदर की आग शांत करो
बाहर की आग से बच के चलो

Monday, February 13, 2012

वैलनटाइन डे भी आ गया, अब बासन्ती हवा भी आने दे


ये प्रेम प्यार आने दे - रूत ए बहार आने दे
वैलनटाइन डे भी आ गया, अब बासन्ती हवा भी आने दे
वॅलिंटाइन आया हैं नई खुशिया लाया हैं
जिनका नही था पहले कभी इश्क़
उनको भी नशा छाया हैं.............
जाने दे झगड़े की बात
मोहब्बत की हवा आने दे

पहले भेजा गुलाब (Rose Day)..आया नही जवाब
फिर किया अपने प्यार को प्रपोज़ (Propose Day)
मिल गई डाँट की जबरदस्त डोस
सोचा चलो चॉकलत (Choclate day) खिलाते हैं
प्यार को कुछ रोमॅंटिक बनाते हैं
नही बनी बात ........................
तब आया टेडी बियर (Teddy Day) का ख़याल
लेकिन ये भी टोटका जब काम नही कर पाया
तब लिया बुज़ुर्गो से अड्वाइज़
बोले करो सच्चे प्यार का प्रॉमिस (Promise Day)
बात बन गई कुछ कुछ...........
मान गये वो अब कुछ
अब तो बात ख़तरनाक सी हो गई
प्यार से "किस" (Kiss Day) तक पहुच गई....
इस से पहले की वो रूठे
हमसे कुछ पूछे.....................
ले लिया झट जल्दी से झप्पी.......
पूरा हो गया हग डे..............
अब तो चलो वॅलिंटाइन डे मानते हैं
प्यार की कसौटी पे खरे उतर आते हैं
साथ चलने का जो किया हैं वादा
उसे उम्र भर निभाते हैं
अब चलो वॉलनटाइन डे मानते हैं

Sunday, February 12, 2012

  •  
     
    You, Upasna Siag and 6 others like this.
    • Aparna Khare thanks Pravesh Bisht ji
      February 7 at 1:13pm · · 1
    • Aparna Khare but mujhe nahi maloom kaise hoga ye sab
      February 7 at 1:14pm · · 1
    • Praveena Joshi Aparna Khare ji ब्लॉग चर्चा का उद्देशय नए ब्लॉगर के ब्लॉग की और सबका ध्यान आकर्षित करना , साथ उसमे कुछ यथासंभव फीड बेक देना है ...जिसमे हर हफ्ते एक ब्लॉग को इसी प्रकार मंच बना कर पेश किया जाएगा ॥शेष हम सभी ब्लॉगर उस ब्लॉग पर अपनी टिप्पणी चस्पा करते है ।
      February 8 at 11:47am · · 3
    • Aparna Khare ok....praveena ji thanks ap ne mere blog ko is yogya samjha...bahut abhari hoon
      February 8 at 11:56am ·
    • Praveena Joshi इसके लिए तो मै प्रवेश जी को धन्यवाद देना चाहूंगी जो यह नया मंत्र लाये ...नयी परिपाटी को शुरू करना और जमाये रखने मे धैर्य उन्ही का है , उम्मीद है धीरे धीरे सभी ब्लॉगर साथियो का ध्यान यह मंच अपनी और खींच लेगा ... ।
      February 8 at 12:13pm · · 3
    • Aparna Khare sach kaha apne...warna to ham apni khushi ke liye likha karte the....na koi padha tha na ham aisa sochte the ki koi padhe.....
      February 8 at 12:15pm · · 1
    • प्रवेश कुमार सिंह बिष्ट abhi is group ki sadasy sankhya 159 hai... yadi aadhe log bhi apna sahyog pradan karen to kisi bhi blog ke gun - dosh achchhi tarah se spasht ho sakte hain or bloggers ko nayapan or apne blog me sudhar karne avsar prapt ho sakta hai.... wo kahawat hai na ki ' apna poot sabhi ko pyara hota hai'.... hame svayam apne blog me koi kami najar nahi aayegi...
      February 8 at 12:44pm · · 1
    • Aparna Khare sahi kaha Pravesh ji
      February 8 at 12:45pm ·
    • प्रवेश कुमार सिंह बिष्ट yeh manch kewal tareef karne or sunne ke liye nahi hai.... maryadit bhasha me vaad- vivad bhi kiya ja sakta hai or hame kisi ke sujhavo ko anyatha nahi lena hai... sudhar ki ek satat prakriya hoti hai... isliye sabhi sadasyon se anurodh hai ki apne vichar 12-01-2012 tak post karen or blog charcha ko aage badhane me apna yogdaan den.... yaha kiye gaye comments ko blog par bhi post karne ka kasht karen... blog par aapki tippani surakshit rahegi...
      February 8 at 12:50pm · · 2
    • Aparna Khare main to vyakul hoon ap sab ke sujhavo ke liye.....
      February 8 at 12:57pm ·
    • प्रवेश कुमार सिंह बिष्ट लगभग हर विषय पर लेखनी चलाई है आपने...
      हर रचना में सफलता पाई है आपने..
      और बाकी जो बात मेरे आंकलन में आई वो ये कि कुछ जगह पर वर्तनी से सम्बंधित त्रुटियाँ हैं .... "about me " में आपने जो अपने बारे में लिखा है वह भी यदि हिंदी में ही हो तो सोने पर सुहागा होगा.... आपका ब्लॉग यूँ ही फलता - फूलता रहे... शुभकामनायें....
      February 8 at 3:33pm · · 2
    • Aparna Khare thanks Pravesh ji...actually us samay mujhe hindi likhni nahi ati thi is karan english me likhna pada ab change kar dungi....apne itna samay diya thanks....thanks n thanks
      February 8 at 10:32pm ·
    • Aparna Khare vartani ki trutiya kaise jaye ye mujhe apse seekhna padega..
      February 8 at 10:32pm ·
    • Vinod Bhagat कहीं विरह की व्यथा है तो कही मिलन की अभिलाषा , अपर्णा खरे की रचनाएं मन को उद्वेलित करती है , इनका ब्लॉग साहित्य क एक धरोहर के रूप में लगता है . औरत को लेकर लिखी गयी कविता स्त्री होकर सवाल ......वास्तव में एक यक्ष प्रशन है ... जवाब तलाशने का प्रयत्न भर किया जाय तो अपर्णा जी की कोशिश सफल हो जाए . पन्ने हो या जिंदगी एक दार्शनिक के रूप में अपर्णा जी को सामने रखता है तेरा प्यार मुझे सताएगा .... प्रेम की हद का आभास दिलाता है
      Friday at 7:15pm · · 2
    • Aparna Khare thanks vinod ji....jo apne itni gehrai se apne mere blog ka adhyan kiya bahut accha laga...

है ये हाल आशिकी में....



दिल -

मत दो दिल को गलिया
उसे जिसका होना था
हो गया.....

सुकून -

सारे छप्पर भी उड़ा ले गया
उनका इश्क़िया तूफान
अब रहे कहाँ, जाए कहाँ
बची तो सिर्फ़ उनकी गलियाँ
सुकून पाए वहाँ

नींद -

नींद ले गये वो
चैन ले गये वो
कैसे सोए
कैसे जागे...
अब बता दे कोय

मकसद -

उनकी तरक्की अपनी तरक्की
उनकी कामयाबी अपनी कामयाबी
अब अपना ना रहा कुछ भी
उनके सहारे जीना हैं..वो खुश
तो हम भी खुश