Monday, November 26, 2012



खुद के यकीन पे यकीन....
रखना ज़रूर अगर तुम हो ज़हीन

तेरी वफ़ा के सहारे जीते हैं
ना मिली गर वफ़ा के तड़प के मरते हैं..
छोड़ दे अब सताना मुझको..
हम तो जो भी करते हैं 
तेरे लिए ही करते हैं..

लगते हो खूब अपनी अदा से..
भरते हो जोश अपनी वफ़ा से..
क्या हो तुम ...कहाँ से लाते हो 
दिल चुराने का तरीका..
सच क्यूँ बहुत भाते हो तुम..

जाने क्या क्या लिख डाला
तुम्हारे लिए
सब कुछ उडेल डाला 
तुम्हारे लिए..
तुम हो हमारे लिए.
हमारा सब कुछ .....................
तुम्हारे लिए..





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