Tuesday, October 16, 2012

हमारी कसम.....







जब से गये हो तुम..
बेइंतहा याद आते हो....
क्या करू इन यादों का
क्यूँ इतना सताते हो....
रहा नही जाता अब तुम्हारे बगैर...
क्यूँ नही एक बार
फिर से चले आते हो..
अब की बार जो आ गये...
जाने नही दूँगी,
बाँध लूँगी आँचल से....
हाथ भी हिलाने नही दूँगी...
रखूँगी इतना ख़याल.......
तुम सोच भी नही सकते हो...
किया हैं तुमने जितना हमे प्यार...
दूँगी सूद समेत तुम्हे उपहार
बोलो अब तो मान जाओगे..
यू नही अब जाओगे...........
फिर ना मुझे सताओगे...
खाओ हमारी कसम.....
हो हमारे जनम जनम.. 

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home