Sunday, September 2, 2012





पति पत्नी का संबंध
होता हैं कितना अटूट
दूर रहे दोनो फिर भी
मॅन से होते हैं मज़बूत
आपस का समन्वय उन्हे

बाँधे रखता हैं.......
होती हैं पतली सी एक
विश्वास की डोर
जो उन्हे जोड़े रखती हैं
बंधन हैं अनोखा फिर भी
अपना सा लगता हैं
बनी रहती है उम्र भर
रिश्तो मे ताज़गी
बस उसे थोड़ी सी
उर्जा देनी पड़ती हैं
अंजान देश से आई गोरी
बन जाती हैं कब अंजान पुरुष के
दिल की मालकिन
खुद पुरुष भी नही जान पाता हैं
कर देता हैं सब कुछ उसके हवाले
खुद उस के आश्रित हो जाता हैं
स्त्री भी करती हैं अपना तन मन धन
सब कुछ उसे अर्पित
नही रखती शेष कुछ भी अपने लिए
हो जाती हैं प्राण प्रिया
अपने स्वामी के लिए
महसूस करती हैं गर्विता
सज़ा कर माँग मे सिंदूर
उसी सिंदूर के साथ
विदा हो जाना चाहती हैं संसार से..
अनोखा रिश्ता , अटूट प्रेम
भारत की देन ...
यही हैं सच्चा प्रेम.....

0 Comments:

Post a Comment

Subscribe to Post Comments [Atom]

<< Home