Tuesday, July 31, 2012

मौसम बहुत सुहाना हैं
ऐसे में चले आओ ......
मिलने का बहाना हैं ..

सूरज शीतल हैं

चन्द्रमा  का रोल निभा रहा हैं ..
भर रहा हैं हम में ताजगी संग ठंडक..
देखो आज नहीं तडपा रहा हैं..

संभालो अपने आपको..

अब बिखरने की जरुरत नहीं
रखो हिम्मत साथ खुदा हैं
अब किसी की खिदमत की जरुरत नहीं..

आपके घर का पता किसने दिया..

मुझसे पूछा था.. मैंने तो मना कर दिया

कमाल हैं आप गम में भी हंस लेते हो..

दुःख हो या सुख हो.. कैसे सम रह लेते हो ?

मुझे नहीं बुलाया ..अकेले ही चाय का मज़ा उडाया..


ख़ामोशी से कह तो दिया..

जो मेरा था वो आज से तेरा हुआ..

1 Comments:

At August 3, 2012 at 10:38 PM , Anonymous Anonymous said...

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