Monday, June 18, 2012


रात का सफ़र ............तन्हा ही सही
कट तो जाएगा, चाँद हमारे लिए
खुद चलकर आएगा....
नही बचेगा गम हमारे भीतर
जब वो हमसे बतियाएगा......
खुल जाएगी सारी गाँठे
मन ही मन वो मुस्कुराएगा
तन्हा चाँद हमे देख कर
भागा भागा आएगा........
(चाँद हमारा सच्चा दोस्त जो ठहरा, बचपन से हैं हमारा रिश्ता गहरा, कभी बनाया मामू, कभी प्रीतम आज दोस्त बन गया गहरा)

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