Wednesday, April 4, 2012

मुझे मेरी तरह महसूस करो

पड़ोस का बासमती?
हाहहाहा........
आज भी तुम
बिल्कुल नही बदले
याद भी करते हो तो
खाने की चीज़ो की तरह
अब तो संभल जाओ..
अब नही पकते बासमती
सबके बस की बात नही रही
बासमती खाना.....
मुझे मेरी तरह महसूस करो
जैसे मैं तुम्हे आज भी करती हूँ!!!!!!

4 Comments:

At April 4, 2012 at 12:13 PM , Blogger संजय एस.कुमार गीते said...

anar daane ki khichdi

 
At April 5, 2012 at 1:45 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

bahut kaam ki hoti hain anaar dane ki khichadi....thanks for comment...Thakur Bhai..

 
At April 5, 2012 at 2:03 AM , Blogger संजय भास्‍कर said...

बहुत सुंदर भाव ... प्रवाह पूर्ण लेखन ... अभिनन्दन स्वीकार करें ...!

 
At April 6, 2012 at 12:48 AM , Blogger अपर्णा खरे said...

shukriya Sanjay ji..

 

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